मैं मुक्त नहीं हो सकता हूँ, 'मैं' से मुक्त हुआ जा सकता है। और यदि कोई मैं से भी मुक्त होना चाहता है, तो वह भी बंधन में है।
अज्ञान है तो मैं सर्वदा बंधन में हूँ, अज्ञान का अभाव है तो मैं सर्वदा मुक्त ही हूँ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें