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शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

अध्यात्म में क्या मिलेगा?

अध्यात्म में क्या मिलेगा? आखिर क्यों करूं में अपने स्वरूप की खोज?


जब हम अध्यात्म में रुचि लेते हैं तो सबसे पहले यही सोचते हैं, यहां मुझे क्या मिलेगा? यह सवाल इसलिये उठता है, क्योंकि अभी तक संसार में यही सीखा है, कि प्रयत्न मैं तभी करूंगा जब बदले में कुछ मिले। और यह धारणा इतनी गहरी बैठ गई है कि साधना भी इसलिये करते हैं कि मुझे कुछ मिले, फिर चाहे वह सांसारिक हो या मानसिक या अध्यात्मिक। हम अध्यात्म में भी प्रतियोगिता करने लगते हैं!!


इसमें बड़ी भूल है। अध्यात्म में कुछ मिलेगा नहीं, बल्कि जो है वह भी छूट जायेगा, जैसे झूठी मान्यतायें, सुख से आसक्ति, दुख से दूर भागने की प्रवृत्ति, आवेग या अचेतना में किये गये कर्म, कर्ता भाव आदि।

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

आध्यात्मिक मार्ग की शुरुआत

आध्यात्मिक मार्ग की शुरुआत कहां से करूं?



यह प्रश्न नये साधक के मन में आना स्वाभाविक ही है। ऐसा इसलिये है क्योंकि विभिन्न माध्यमों जैसे पुस्तकों, नेट, प्रवचनों आदि में इतनी सूचना है, की उसमें तत्व को ढूंढना ऐसा है जैसे भूसे के ढेर में सुईं को ढूंढना।



तो उपाय क्या है? कैसे मैं सत्य को असत्य से अलग करके देख सकता हूँ? कैसे दूध का दूध और पानी का पानी किया जाये? बल्कि यह कहना उचित है कि कैसे पानी में से दूध को अलग किया जाये?