शनिवार, 24 जुलाई 2021

साक्षी और साक्षी भाव।


साक्षी वो सत्ता या चैतन्य है जो यह शब्द इस समय पढ़ रहा है। उसको कहीं दूर ना समझें, उसे ढूंढने ना निकल पड़ें, वो कहीं नहीं मिलेगा, वो कभी नहीं मिलेगा। इसके दो कारण हैं, पहला वह कहीं गया नहीं तो मिलेगा कैसे, जो दूर है जो कभी अप्राप्त है वो मिल सकता है, पर साक्षी कभी भी अप्राप्त नहीं हुआ है, इसलिये वो प्राप्त नहीं किया जा सकता है। 

बुधवार, 21 जुलाई 2021

दुख और दर्द।


दर्द के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कुछ उलटा सीधा या ज्यादा खा लिया तो पेट में दर्द हो गया, हाथ पर हथौड़ा लग गया, कहीं गिर गये और चोट लग गई आदि अनेक कारण हो सकते हैं। इलाज कर लिया, दवाई ले ली, सो गये, ध्यान कहीं और चला गया आदि, यदि कारण हटा दिया तो दर्द का निवारण हो गया। दर्द उत्तरजीविता के लिए आवश्यक है, जीवन को बनाये रखने के लिए अनिवार्य है।

सोमवार, 19 जुलाई 2021

मौन और शांती।


तीन तरह का मौन या शांती सम्भव है। 


पहला है ध्वनि का ना होना, भौतिक रुप से आवाज का नहीं होना या मुहँ से नहीं बोलना।


दूसरा है मन में विचारों का प्रवाह कम हो जाना, या नकारात्मक, निराशावादी विचारों में नहीं उलझना।

शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

ज्ञान ट्वीट #५

यदि आपने यह मान लिया है कि मैं माया में हूँ, तो आप ब्रह्मं होते हुए भी एक कल्पना में जी रहे हैं; और यदि आपने जान लिया है कि मैं ही ब्रह्मं हूँ तो आप माया में होते हुऐ भी माया में नहीं रहे।

रविवार, 4 जुलाई 2021

आनंद मेरा नित्य स्वरूप है।


क्या है जो मुझे मेरे नित्य आनंद स्वरूप में स्थिर रहने से दूर करता है? क्या साधना करनी पड़ेगी, क्या प्रयास करूं कि मैं उसमें स्थित हो जाऊं? क्या ऐसा कोई मानव है जो सर्वदा आनंद में है? क्या मनुष्य के लिए हमेशा नित्य आनंदमय स्थिति में रहना सम्भव भी है? क्या आनंद कोई अनुभूति है, क्या यह कम ज्यादा होता रहता है? क्या आनंद जीवन का लक्ष्य है? सुख और आनंद क्या एक ही हैं?


आइये इसपर कुछ मनन करते हैं।