रविवार, 3 अप्रैल 2022

कभी वो भी सुनता, जो कोई ना कहता।

जो ना कहता, और ना सुनता,

वही है कहता, वही है सुनता।

जो ना आता, और ना जाता,

वही है आता, वही है जाता।