मुक्ति ढूंढने से नहीं मिलेगी,
मुक्ति ढूंढे बिना भी नहीं मिलेगी।
तो खुद में झांक लेना,
वहीं कहीं वो मुस्कुरा कर कहेगी,
मुक्त मुक्ति को कैसे जानेगा।
मुक्ति पाने में नहीं है,
मुक्ति खोने में भी नहीं है,
वो जो कभी पाया नहीं, उसे खोएं कैसे,
जो कभी खोया नहीं, उसे पाएं कैसे।
🙏🙏🙏
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें